
सहीमध्ये मध्ये फक्त ‘नाव’ लिहणारे असतात एकदम असे
सहीमध्ये मध्ये फक्त ‘नाव’ लिहणारे असतात एकदम असे
हर किसी का अवचेतन मन उसे बताता है कि हस्ताक्षर कैसे करना है। और वह व्यक्ति अपना जीवन कैसे जीता है और क्या करना चाहता है यह उसके हस्ताक्षर में झलकता है। दोस्तों आज हम उन लोगों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो अपने हस्ताक्षर में केवल अपना नाम लिखते हैं। आज मैं बात नहीं करूंगा कि कैसे लिखना है, आइए देखें कि जो लोग केवल हस्ताक्षर में अपना नाम लिखते हैं वे कैसे होते हैं।
1 ऐसे व्यक्ति बहुत मेहनती होते हैं।
2 ऐसे व्यक्ति कम उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर देते हैं।
3 अपने पिता से अपनी एक अलग पहचान बनाता है।
4 ऐसे लोग बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं।
5 इन्हें किसी भी चीज से समझौता करना पसंद नहीं होता है। इसलिए, उनके बहुत कम करीबी दोस्त हैं।
- ऐसे लोगों की उम्र के बाद यानी चालीस के बाद स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें बढ़ जाती हैं।
7 ये लोग दूसरों पर जल्दी भरोसा नहीं करते हैं।
8 ऐसे लोग बहुत जल्दी थक (Demotivated) हो जाते हैं।
9 इन लोगों पर अपने माता-पिता का प्रभाव बहुत कम होता है और ऐसे लोग पहले अपना हित देखते हैं।
10 ऐसे लोग अपने वैवाहिक जीवन में कुछ समझौते करते हैं, इनकी अपने जीवनसाथी से नहीं बनती है।
सहदेव रसाळ
I want to show my Nature by signature….
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I want my Name Signatures Vivek G. Choudhary
Rupesh Bhonde
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Santosh Devkar
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Sumit jadhav
Taj Mulani